रणधीर कपूर की दिमाग़ी हालत बिगड़ी, एक और बड़ी बीमारी का हुए शिकार

बॉलीवुड एक्टर रणधीर कपूर डाइमेंसिया से पीड़ित है डाइमेंसिया ना सिर्फ एक स्पेसिफिक डिसीस है बल्कि एक जनरल टर्म है वो भी एक ऐसा टर्म जो कि इम्पैक्ट एबिलिटी सोचने का याद करने का फैसला लेने का खत्म कर देता है एबिलिटी को कम कर देता है ओर इंटरफेयर करता है आपको क्या करना है डे टू डे ऐक्टिविटीज़ इन सबसे दूर कर देता है आपके दिमाग को पूरी तरह से डिस्टर्ब कर देता है.

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डाइमेंसिया से पीड़ित रणधीर कपूर के बारे में ये खुलासा रणबीर कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया था रणबीर ने बताया था कि अर्ली स्टेज ऑफ डाइमेंसिया से प्रेरित है रणधीर कपूर एक बार तो ऐसा हुआ की वो यू तक भूल गए कि ऋषि कपूर गुजर चुके हैं जी हाँ शर्माजी नमकीन रणधीर ने वो फ़िल्म देखी है ऋषि कपूर की आर उसके बाद रणबीर से पूछा उन्होंने ऋषि कहाँ है.

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जी हाँ 2020 की 30 अप्रैल की तारीख को ऋषि कपूर ने अपनी जिंदगी की आखिरी साँस ली थी ये तक भूल गए थे रणधीर कपूर सोचिये कितनी दर्दनाक बीमारी की पीड़ित है रणधीर कपूर, रणधीर कपूर के बारे में आपको बता दें ये जो डाइमेंसिया बिमारी से वो पीड़ित हैं इसके बारे में बहुत कम लोगों को ये पता है की काफी घातक भी है सीडीसी की ओर से दी गई रिपोर्ट में ये जानकारी मिली है कि डाइमेंसिया जिसे होता है इस बिमारी से शिकार पीड़ित लोगों को याद नहीं रहता क्या करना है.

Randhir Kapoor's mental condition deteriorated
Randhir Kapoor’s mental condition deteriorated

क्या कहना हैं उनके दिमाग को अस्थिर कर देता है ये डाइमेंसिया एक टर्म है जी हाँ इसकी वजह से कॉग्निटिव फंक्शन में भी काफी लॉस होता है और इसी कारण हम ये नहीं सोच पाते कि हमारी जिंदगी में क्या चल रहा है अल्जमाई डिजीज के बारे में आपको पता ही होगा डाइमेंसिया के कॉमन फॉर्म है अल्जमाई ये आपको बता दें अकॉर्डिंग टु यूनाइटेड स्टेट नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ कुछ लोग कहते हैं डाइमेंसिया पूरे इमोशन को कंट्रोल नहीं करता.

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पर्सनालिटी तक चेंज हो जाते हैं लोगों के सोचिए इतना भयावह ये बिमारी है अगर स्टेजेज के बाद करे तो डाइमेंसिया रेंज के बारे में पता चलता है मोस्ट सीवियस स्टेज तक काफी डरावना भी है दिमाग पागलों की तरह भी बर्ताव करने लगता है वही आपको बता दें माइडस्टिया में डाइमेंसिया की सिर्फ शुरुआत होती है लोगों के फंक्शनिंग में ही सिर्फ इसका असर होता है एक पर्सन के फंक्शनिंग में इसका असर होता है.

जैसे की रणधीर के फंक्शनिंग में इसका असर होता है लेकिन मोस्ट सीवियस स्टेज है जब पूरी तरह से कोई इंसान दूसरे पर टिप्पणी हो जाता है बेसिक ऐक्टिविटीज़ ऑफ लिविंग के लिए और आपको पता ही है रणधीर किस तरह से दूसरों पर डिपेंडेंट है वो चल तक नहीं पाते हैं खुद से उनकी हालत किस तरह की है आप समझ सकते हैं डाइमेंसिया और भी ज्यादा कॉमन है.

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लोगों में ऐज के साथ इसलिए रणधीर कपूर की हालत और बदतर होती जा रही है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ डाइमेंसिया का असर शरीर पर और ज्यादा प्रभाव करता है प्रभावी होता है अगर बात करें तो 85 साल या फिर उससे ज्यादा उम्र के एक तिहाई लोगों को डाइमेंसिया की बिमारी होती है ना सिर्फ नॉर्मल पार्ट ऑफ ऐजिंग है ये बल्कि एक गंभीर समस्या है डाइमेंसिया कितना कॉमन है इस बारे में बात करें.

तो जो 65 साल के ऊपर के जो 50,00,000 लोग हैं उनमें से एस्टिमेटेड अगर बात करें तो 2014 में ज्यादातर लोग डाइमेंसिया से पीड़ित पाए गये थे और ये फिगर किया गया था कि 14 मिलियन 2060 में हो जाएंगे फिगर्स जो है ऐसा कहता है कि 14 मिलियन यानी की 1,50,00,000 के आसपास के लोग 2060 तक इस बिमारी से पीड़ित होंगे साइंस और सिम्पटम्स की बात करें तो ब्रेन पर इसका असर पड़ता है भयावह अगर आप हेल्दी है.

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और आपका काम रुक जाए कनेक्शन अगर लुक जरूर जाएं ब्रेन सेल्स से कनेक्शन रुक जाए और चीजें अगर आप भूलने लगे समझिए आप डाइमेंसिया से पीड़ित हैं रणधीर के साथ ऐसा ही है मेमोरी लॉस, पुअर जजमेंट, कन्फ्यूजन इन सभी चीजों से जूझ रहे हैं रणधीर कपूर और बोलने में मुसीबते आना समझने में समस्याएं होना अपनी विचारों को एक्सप्रेस करने में मुश्किलों का सामना करना सिर्फ और सिर्फ सोचते रहना.

ख्यालों में कोई रहना पूरी तरह से खोए रहना ये साफ फैमिलियर है खास तौर पर इस बिमारी में और तो और पैसों की रिस्पॉन्सिबिलिटी आप अगर खुद लेते हैं बिल पेमेंट के बारे में सोचते हैं तो आपके लिए मुश्किल होगा क्वेश्चन्स आप बार बार रिपीट करेंगे अन्युज्वल वर्ड्स का इस्तेमाल करेंगे फॅमिलियर ऑब्जेक्ट्स के लिए लॉगर टाइम लगेगा आपको नॉर्मल डेली टास्क करने में इंटरेस्ट आपका खोता जाएगा डेली एक्टिविटीज से.

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हैलुसनेसन भी होने लगता है कई और चीजों का भी एक्सप्रेस आपको होने लगेगा इस बिमारी में इंटलेक्चुअल कुछ इंटलेक्चुअल डेवलपमेंट डिसेबिलीटीज के बारे में बात करें डाइमेंसिया में ऐज के साथ ये भी होता है और तो और रिकग्नाइज करने की भी आपको ताकत नहीं होती आप लोगों को पहचानने तक भूल जाते हैं डाइमेंसिया से पीड़ित लोगों को मेमोरी अटेंशन, कम्यूनिकेशन, रिजनिंग, जजमेंट सॉल्व करने में प्रॉब्लम्स विज़ुअल प्रशिक्षण जैसे चीजों में बहुत दिक्कतें आती है.

इससे रिलेटेड चेंजेस भी विजन में भी होने लगता है आँखों से दिखने में भी तकलीफ होती है और आप तो लोग भूल जाएंगे लेकिन आप हैरान रहेंगे ये जान कर की लोग अपने करीबियों का अपने दोस्त यार और रिश्तेदारों का नाम तक भूल जाते हैं जो इस बिमारी से पीड़ित होते हैं रणधीर के साथ इस तरह की स्थिति हो सकती है और कुछ चीजें हो भी रही है जो ब्रेन के रूल्स होते हैं अगर बात करे उस पर डिपेंड करे.

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तो वो भी चीजें बदल नहीं लग जाती है फ़िलहाल कम लोगों में इस तरह के चेंजेस पाए गए हैं लेकिन अगर बात करें इस तरह की रिपोर्ट सामने आ रही है कि कैलिफोर्निया की यूनिवर्सिटी सैन फ्रांसिस्को जो कि यूएस में है उसने इस पर पढ़ाई की है और बताया है कि अंडरलाइन मेकेनिज्म की बात करें तो ये रिलेटेड है प्रोटीन्स को बिल्डअप करने में जो कि प्रिंस में होते हैं और कैसे ब्रेक फंक्शन को वर्किंग बनाना है.

इसके लिए इंटरफेयर करते हैं न्यूरोडिजेनरेटिव डिजीज की बात करें तो फ्रंटोटेंपोरल डिमेंशिया एबनॉर्मल प्रोटीन बिल्डर्स होते हैं ब्रेन में इसे लीड करता है ये बिमारी कितनी घातक है आप सोच भी नहीं सकते है जिसके कई टाइप है और इसी वजह से ये बिमारी को आप हल्के में नहीं ले सकते हैं फिलहाल आप इस खबर पर क्या कहेंगे हमें कमेंट में जरूर बताएं बाकी और भी ऐसी ही अपडेट्स पाने के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल और व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वॉइन करे.

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