आज के समय में बहुत सारे स्टूडेंट्स वन विभाग में अपना करियर बनाना चाहते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें वन विभाग के पदों से संबंधित सभी जानकारियां होनी जरूरी है तो आइए आज के इस आर्टिकल में हम आपको वन विभाग में कितने पद होते हैं और इससे संबंधित सभी जानकारी देंगे तो अगर आप भी वन विभाग के पदों से संबंधित पूरी जानकारी चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें.
वन विभाग में कितने पद होते हैं?
वन विभाग में बहुत सारे अलग अलग पद होते हैं और इन पदों पर भर्ती के लिए समय-समय पर विभाग द्वारा वैकेंसी भी जारी की जाती है इन पदों पर आवेदन के लिए अलग अलग योग्यताओं की जरूरत होती है.
- वन विभाग में कौन से सरकारी पद होते हैं?
- वन विभाग में कितने पद होते हैं? जानें पूरी जानकारी
- वन विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी कौन होता है? जानिए पूरी जानकारी
वन विभाग में कुल 10 पद होते हैं-
- प्रधान मुख्य वन संरक्षक (Principal Chief Conservatory of Forest)
- अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक Additional Principal Chief Conservatory of Forest)
- मुख्य वनसंरक्षक (Chief Conservator of Forest)
- वन संरक्षक (Conservator of Forest)
- उप वन संरक्षक या प्रभागीय वन अधिकारी (Deputy Conservator of Forest OR Divisional Forest Officer)
- सहायक वन संरक्षक (Assistant Conservator of Forest)
- रेंज वन संरक्षक (Range Forest Officer)
- वनपाल या उप रेंज वन अधिकारी (Forester / Deputy Range Forest Officer)
- वनरक्षक (Forest Guard)
- जंगल पर नजर रखने वाला (Forest Watcher)
वन विभाग कौन कौन से पद होते हैं और इन पदों पर कितनी सैलरी मिलती है?
वन विभाग में अलग-अलग पदों पर अलग अलग सैलरी मिलती हैं और सभी पदों पर काम भी अलग अलग करना होता है-
फॉरेस्ट वॉचर
ये वन विभाग का सबसे निचला पद होता है आमतौर पर स्थानीय समुदाय के सदस्य ता अन्य व्यक्ति होते हैं जिन्हें जंगल पर नजर रखने या अवैध कटाई अवैध शिकार जैसे संदिग्ध गतिविधियों और घटनाओं की रिपोर्ट के लिए नियुक्ति किया जाता है जिसे व्यक्ति को इस पद पर नियुक्ति किया जाता है, उसे जंगल में किसी भी प्रकार का कोई खतरा दिखने पर अधिकारियों को सूचित करना होता है, इस पद पर काम करने वाले व्यक्ति को ₹18,600 के लगभग सैलरी के लगभग प्रतिमाह सैलरी मिलती है.
फॉरेस्ट गार्ड
फॉरेस्ट गार्ड यानी वन रक्षक एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसे जंगलों की अवैध कटाई शिकार, आग, जंगलों की निगरानी करना जैसे विभिन्न काम करना होता है. जंगलों में गश्त करने अवैध गतिविधियों के संकेतों की निगरानी करने और वन कानूनों को लागू करने के लिए कार्रवाई करने के लिए भी वन रक्षक की जिम्मेदार होता है इस पद पर काम करने वाले व्यक्ति को प्रतिमाह ₹20,200 के लगभग सैलरी मिलती है.
फॉरेस्ट / डिप्टी रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर
डिप्टी रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर को वनपाल के नाम से भी जाना जाता है ये प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए जिम्मेदार होते हैं जंगलों की आग की रोक और नियंत्रित करने की गतिविधियों को रोकने की जिम्मेदारी फॉरेस्टर की होती है इन्हें ₹12,500 से ₹24,000 के लगभग प्रतिमाह मिलते हैं.
रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर
रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर वन संरक्षण के लिए जिम्मेदार होते हैं रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर की भूमिका प्रशासनिक क्षेत्र में तहसीलदार या सर्कल अधिकारियों के बराबर होती है उनके पास तीन सितारों के साथ पुलिस उपाधीक्षक का पद भी होता है लेकिन उस पर कोई धारियाँ नहीं होती है भारत के किसी राज्य कैन शासित प्रदेश के फॉरेस्ट रेंज के वन पर्यावरण और वन्य जीव संबंधी मुद्दों के लिए रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर जिम्मेदार होते हैं इन्हें प्रतिमाह ₹45,000 से ₹50,000 के लगभग प्रतिमाह सैलरी मिलती है.
असिस्टेंट कन्जर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट
असिस्टेंट कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट वन सेवा में द्वितीय श्रेणी का अधिकारी होता है जो वन प्रबंधन और संरक्षण के लिए जिम्मेदार होता है इनका मुख्य काम रेंज वन अधिकारियों के काम की देखरेख करना और ये सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं कि वन प्रबंधन प्रथाएँ स्थायी वानिकी सिद्धांतों के साथ जुड़ी हुई है कि नहीं, इस पद पर काम करने वाले व्यक्ति को प्रतिमाह ₹56,100 के लगभग सैलरी मिलती है.
डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट
उप वनसंरक्षक या प्रभागीय वन अधिकारी यानी की डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ पुलिस राज्य वन सेवा में प्रथम श्रेणी का अधिकारी होता है जो यूनिट के समग्र प्रशासन और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होता है ये विभिन्न वन संबंधित गतिविधियों की देखरेख करना नीतियों को लागू करना और प्रभाग के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करता है इस पद पर काम करने वाले व्यक्ति को प्रतिमाह लगभग ₹67,700 से ₹1,18,500 सैलरी मिलती है.
कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट
वन संरक्षक यानी की कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट एक वरीष्ठ स्तर का अधिकारी होता है जो कि वन प्रबंधन और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है इनका काम पूरे वानिकी विभाग को नेतृत्व और दिशा प्रदान करता है. वे अपने अधिकार क्षेत्र वनों वन्यजीवों और पर्यावरण संरक्षण के पूरे प्रशासन और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होते हैं इस पद पर काम करने वाले व्यक्ति को प्रति माह ₹1,50,000 के लगभग सैलरी मिलती है.
चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट
मुख्य वन संरक्षक यानी की चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट कार्य संरक्षण और प्रबंधन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नेतृत्व और उन्होंने दिशा प्रदान करना होता है. ये नीति-निर्माताओं सरकारी अधिकारियों और अन्य हिताधिकारियों के साथ मिलकर अपने काम को पूरी जिम्मेदारी से करते है इस पद पर कार्यरत व्यक्ति को प्रतिमाह ₹1,75,000 के लगभग सैलरी मिलती है.
एडिशनल प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक यानी की एडिशनल प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट उसका पद एक महत्वपूर्ण पद होता है यह एक अनुभवी और विशिष्ट स्तर का अधिकारी होता है इनका काम रणनीतिक वन प्रबंधन नीतियों को तैयार करना और लागू करना, वन संरक्षकों की देखरेख करना, वन संरक्षण मामलों पर सलाह देना होता है इन्हें प्रतिमाह ₹2,00,000 के आसपास सैलरी मिलती है.
प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट
प्रधान मुख्य वन संरक्षक यानी की प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट ये वन विभाग का सबसे बड़ा पद होता है इनका काम राज्यभर में वनों के समग्र प्रबंधन संरक्षण और सुरक्षा की देखरेख करना होता है इसके साथ ही ये पीसीसीएफ राज्य की वानिकी नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं साथ ही यह भी सुनिश्चित करते हैं कि स्थायी वन प्रबंधन प्रैक्टिस को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा हो इसके अलावा आपको बता दें की प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट के पद पर काम करने वाले व्यक्ति को हर महीने ₹2,25,000 के लगभग सैलरी मिलती है.
निष्कर्ष
हम उम्मीद करते हैं कि वन विभाग में कितने पद होते हैं और इन पदों पर क्या काम करना होता है इन्हें कितनी सैलरी मिलती है इससे संबंधित पूरी जानकारी आपको मिल गयी होगी इसके अलावा अगर आपका इससे संबंधित कोई और सवाल है तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं.
FAQs
वन्यजीव संरक्षक या मुख्य वन संरक्षक।
नहीं, वन अधिकारी पुलिस अधिकारी नहीं होता।
मुख्य वन संरक्षक (CCF) और उच्च अधिकारी की सैलरी 1,50,000 रुपये या उससे अधिक हो सकती है।
फॉरेस्टर के 2 स्टार होते हैं।
रेंजर की सैलरी लगभग 50,000-60,000 रुपये प्रति माह हो सकती है।
डीएफओ बनने के लिए वन सेवा परीक्षा पास करनी होती है और संबंधित विभाग में नियुक्ति प्राप्त करनी होती है।
वनरक्षक के पद राज्य सरकार के आधार पर विभिन्न होते हैं, लेकिन सामान्यत: पदों की संख्या हजारों में होती है।